वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२५ जनवरी २०१५<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहे:<br />डर करनी डर परम गुरु, डर पारस डर सा|<br />डरत रहै सो ऊबरे, गाफिल खाई मार||<br />भय बिन भाव न उपजै, भय बिन होय ना प्रीति|<br />जब हृदय से भय गया, मिटी सकल रस रीति|| (संत कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />भय जीवन को नष्ट कर रहा है, जीवन भय मुक्त कैसे बनाये?<br />भय की क्या आवश्यकता है?<br />भय -- हानिकारक है या लाभदायक?